भीड़ मैं होकर भी अकेलापन अजीब लगता हैं
दोस्तों के बीच मैं अजनबीपन अजीब लगता हैं
मंजिलों के पास गूम हो जाना अजीब लगता हैं
जिससे अपना समझ कर राज़दार बनाया था
उन राजो का इश्तिहार देख के अजीब लगता हैं
तुम भी बदल गए हो जामने के साथ ऐ दोस्त
तुम मैं और गिरगिट मैं कोई फर्क नहीं अजीब लगता हैं
-प्रियांशु